नज़रिया अपना

sant asharamji bapu

Sant Asharamji Bapu

“नज़रिया अपना अपना,,
दो दोस्त एक आम के बगीचे के पास से गुज़र रहे थे की उन्होंने देखा कुछ बच्चे एक आम के पेड़ के नीचे खड़े हो कर पत्थर फेंक कर आम तोड़ रहे हैं।
ये देख कर दोस्त बोला कि देखो कितना बुरा दौर आ गया कि पेड़ भी पत्थर खाए बिना आम नही दे रहा है।
तो दुसरे दोस्त ने कहा नहीं दोस्त तुम गलत देख रहे हाे..
दौर तो बहुत अच्छा है की पत्थर खाने के बावजुद भी पेड़ आम दे रहा है।
दिल में ख़यालात अच्छे हो तो सब चीज अच्छी नज़र आती है, और
सोच बुरी हो तो बुराई ही बुराई नज़र आती है…
नियत साफ है तो नजरिया और नज़ारे खुद ब खुद बदल जाते है,,,।