Side Effects Of Eating Potatoes

आलू एक ऐसी सब्जी है जिसे लगभग हर घर में रोज इस्तेमाल किया जाता है। आलू को आयुर्वेद में सबसे रद्दी कंद कहा गया है। आलू कई प्रकार के होते हैं जैसे लाल आलू, रसेट आलू, पीले आलू, बैंगनी आलू,नीले और अंकुरित आलू आदि । आलू में फाइबर, जिंक, आयरन और कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा आलू में कैरोटीनॉयड्स, फ्लेवनॉयजड्स और फिनोलिक एसिड जैसे एंटी-ऑक्सिडेंट्स होते हैं। आलू का सेवन सेहत के लिए नुकसानदायक होता है।

आलू एक ऐसी सब्जी है जिसे लगभग हर घर में रोज इस्तेमाल किया जाता है। आलू को आयुर्वेद में सबसे रद्दी कंद कहा गया है। आलू कई प्रकार के होते हैं जैसे लाल आलू, रसेट आलू, पीले आलू, बैंगनी आलू,नीले और अंकुरित आलू आदि । आलू में फाइबर, जिंक, आयरन और कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा आलू में कैरोटीनॉयड्स, फ्लेवनॉयजड्स और फिनोलिक एसिड जैसे एंटी-ऑक्सिडेंट्स होते हैं। आलू का सेवन सेहत के लिए नुकसानदायक होता है।
एनडीटीवी फूड में छपी एक खबर के अनुसार, आलू कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होता है । जबकि कार्बोहाइड्रेट की अधिक मात्रा कैलोरी बढ़ा सकती है, जिससे मोटापे का सामना करना पड़ सकता है ।
आलू यदि अंकुरित भी हो गया है तब भी उसका सेवन नहीं करना चाहिए। अंकुरित आलू या नीले रंग के आलू खाने से शरीर में एलर्जी की समस्या हो सकती है । यहां तक कि नीले और अंकुरित आलू जहरीले हो जाते हैं, जिनके सेवन से इंसान की मौत तक हो सकती है।
आलू पोटेशियम से भी समृद्ध होता है। पोटेशियम का सेवन हाइपरकलेमिया का कारण बन सकता है। इससे छाती में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, मतली और उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती हैं ।
आलू का सेवन टाइप 2 डायबिटीज का कारण भी बन सकता है । आलू एक हाई ग्लिसेमिक खाद्य पदार्थ है। इसका पाचन जल्दी होता है और ब्लड शुगर के बढ़ने का खतरा होता है। इसलिए मधुमेह होने का भी खतरा होता है।
आलू का सेवन भी डायरिया का एक कारण बन सकता है।
आलू का सेवन गठिया के दर्द को बढ़ाता है ।
आलू का सेवन ब्लड प्रेशर की समस्या और बढ़ा सकता है ।
आपातकालीन स्थिति में यदि और कुछ खाने को ना मिले, तो आलू को अग्नि में भूंज कर खा सकते है ।

वरुथिनी एकादशी

जागरण , asaram, asharam, bapuji, bapu, ekadashi, agyaras

वरुथिनी एकादशी


युधिष्ठिर ने पूछा : हे वासुदेव ! ​#​वैशाख मास के कृष्णपक्ष में किस नाम की​#​एकादशी होती है? कृपया उसकी महिमा बताइये।

भगवान श्रीकृष्ण बोले: राजन् ! वैशाख (गुजरात महाराष्ट्र के अनुसार चैत्र ) ​#​कृष्णपक्ष की एकादशी ‘वरुथिनी’ के नाम से प्रसिद्ध है । यह इस लोक और परलोक में भी सौभाग्य प्रदान करनेवाली है । ‘वरुथिनी’ के व्रत से सदा सुख की प्राप्ति और पाप की हानि होती है । ‘वरुथिनी’ के व्रत से ही मान्धाता तथा धुन्धुमार आदि अन्य अनेक राजा स्वर्गलोक को प्राप्त हुए हैं । जो फल दस हजार वर्षों तक तपस्या करने के बाद मनुष्य को प्राप्त होता है,वही फल इस ‘वरुथिनी एकादशी’ का व्रत रखनेमात्र से प्राप्त हो जाता है ।

नृपश्रेष्ठ ! घोड़े के दान से हाथी का दान श्रेष्ठ है । भूमिदान उससे भी बड़ा है । भूमिदान से भी अधिक महत्त्व तिलदान का है । तिलदान से बढ़कर स्वर्णदान और स्वर्णदान से बढ़कर अन्नदान है, क्योंकि देवता, पितर तथा मनुष्यों को अन्न से ही तृप्ति होती है । विद्वान पुरुषों ने कन्यादान को भी इस दान के ही समान बताया है । कन्यादान के तुल्य ही गाय का दान है, यह साक्षात् भगवान का कथन है । इन सब दानों से भी बड़ा विद्यादान है । मनुष्य ‘वरुथिनी एकादशी’ का व्रत करके विद्यादान का भी फल प्राप्त कर लेता है । जो लोग पाप से मोहित होकर कन्या के धन से जीविका चलाते हैं, वे पुण्य का क्षय होने पर यातनामक नरक में जाते हैं । अत: सर्वथा प्रयत्न करके कन्या के धन से बचना चाहिए उसे अपने काम में नहीं लाना चाहिए । जो अपनी शक्ति के अनुसार अपनी कन्या को आभूषणों से विभूषित करके पवित्र भाव से कन्या का दान करता है, उसके पुण्य की संख्या बताने में चित्रगुप्त भी असमर्थ हैं । ‘वरुथिनी एकादशी’ करके भी मनुष्य उसीके समान फल प्राप्त करता है ।

राजन् ! रात को जागरण करके जो भगवान ​#​मधुसूदन का पूजन करते हैं, वे सब पापों से मुक्त हो परम गति को प्राप्त होते हैं । अत: पापभीरु मनुष्यों को पूर्ण प्रयत्न करके इस एकादशी का व्रत करना चाहिए । यमराज से डरनेवाला मनुष्य अवश्य ‘वरुथिनी एकादशी’ का व्रत करे । राजन् ! इसके पढ़ने और सुनने से सहस्र गौदान का फल मिलता है और मनुष्य सब पापों से मुक्त होकर विष्णुलोक में प्रतिष्ठित होता है ।

(सुयोग्य पाठक इसको पढ़ें, सुनें और गौदान का पुण्यलाभ प्राप्त करें ।)


https://www.facebook.com/santshriasharamjiashram

santshriasharamjiashram.org

मातृ-पितृ पूजन दिवस विश्वव्यापी होगा । – पूज्य बापूजी

 matru
Images Presentation :  Matri-Pitru Divas
मातृ-पितृ पूजन दिवस विश्वव्यापी होगा । – पूज्य बापूजी

माँ-बाप को मत भूलना (मातृ-पितृ पूजन दिवस 14th February 2014)

guru
Listen Audio :[audio http://audio.chirbit.com/hariombapujiom_1391693368.mp3]
[youtube https://www.youtube.com/watch?v=JNSSGJfvhxQ]
माँ-बाप को मत भूलना (मातृ-पितृ पूजन दिवस 14th February 2014)

Ek Sachcha Prem Diwas-“Parents worship Day” A Divine inspiration of H.H. Asaram Bapuji

 Mpp Booklet 2014 Title ok_2
Listen Audio: [audio http://audio.chirbit.com/hariombapujiom_1391683015.mp3]
[youtube https://www.youtube.com/watch?v=VIaLa8VzU20]
Ek Sachcha Prem Diwas-“Parents worship Day” A Divine inspiration of H.H. Asaram Bapuji
 

Tum age badho, mera ashirwad tumhare sath hai – Sant Asharamji Bapu

maa
Listen Audio :[audio http://audio.chirbit.com/hariombapujiom_1391528535.mp3]
[youtube http://www.youtube.com/watch?v=u_EAGmH1I04]
Tum age badho, mera ashirwad tumhare sath hai – Sant Asharamji Bapu

Matru-Pitru Pujan Visheshank

14th
Matru-Pitru Pujan Visheshank
1
 
bapu matri
 

2

matru pitru din

3

matri

4

 

Pujya Sant Shri Asharamji Bapu – Ki Jogi Re Ki Anmol Lila

Hami se hai jamana 19
[youtube https://www.youtube.com/watch?v=GxVOKzqmO50]
Pujya Sant Shri Asharamji Bapu – Ki Jogi Re Ki Anmol Lila

मातृ-पितृ पूजन दिवस मनायें – (१४ फरवरी)

matru
मातृ-पितृ पूजन दिवस मनायें – (१४ फरवरी)
वेलेन्टाइन डे नहीं

मातृ-पितृ पूजन दिवस मनायें

(१४ फरवरी)

प्रिय आत्मन्,

हरि ॐ दिनाँक १४ फरवरी को सभी साधक भाई-बहन अपने घरों में अथवा सामूहिक रूप से मातृ-पितृ पूजन दिवस मनायें। बाल संस्कार केन्द्र संचालक अपने केन्द्र में बच्चों के माता-पिता को बुला कर सामूहिक कार्यक्रम कर सकते हैं। पूज्यश्री के इस पावन संदेश को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचायें। अपने क्षेत्र के समाचार-पत्र में पूज्यश्री का संदेश प्रकाशित करवायें। कार्यक्रम का लिखित विवरण एवं समाचार-पत्र की कटिंग (यदि समाचार पत्र में दिया हो तो) बाल संस्कार विभाग, अमदावाद मुख्यालय को अवश्य भेजें।

विश्व मानव की मंगल कामना से भरे पूज्य बापू जी का परम हितकारी संदेश पढ़ें- पढ़ायें।

भारतभूमि ऋषि-मुनियों, अवतारों की भूमि है। पहले लोग यहाँ मिलते तो राम राम कहकर एक दूसरे का अभिवादन करते थे।

दो बार राम कहने के पीछे कितना सुंदर अर्थ छुपा है कि सामने वाला व्यक्ति तथा मुझमें दोनों में उसी राम परमात्मा ईश्वर की चेतना है, उसे प्रणाम हो! ऐसी दिव्य भावना को प्रेम कहते हैं। निर्दोष, निष्कपट, निःस्वार्थ, निर्वासनिक स्नेह को प्रेम कहते हैं। इस प्रकार एक दूसरे से मिलने पर भी ईश्वर की याद ताजा हो जाती थी पर आज ऐसी भावना तो दूर की बात है, पतन करने वाले आकर्षण को ही प्रेम माना जाने लगा है।

१४ फरवरी को पश्चिमी देशों में युवक युवतियाँ एक दूसरे को ग्रीटिंग कार्डस, फूल आदि देकर वेलेन्टाइन डे मनाते हैं। यौन जीवन संबंधी परम्परागत नैतिक मूल्यों का त्याग करने वाले देशों की चारित्रिक सम्पदा नष्ट होने का मुख्य कारण ऐसे वेलेन्टाइन डे हैं जो लोगों को अनैतिक जीवन जीने को प्रोत्साहित करते हैं। इससे उन देशों का अधःपतन हुआ है। इससे जो समस्याएँ पैदा हुईं, उनको मिटाने के लिए वहाँ की सरकारों को स्कूलों में केवल संयम अभियानों पर करोड़ों डालर खर्च करने पर भी सफलता नहीं मिलती। अब यह कुप्रथा हमारे भारत में भी पैर जमा रही है। हमें अपने परम्परागत नैतिक मूल्यों की रक्षा करने के लिए ऐसे वेलेन्टाइन डे का बहिष्कार करना चाहिए।

इसे य़ुवाधन विनाश डे संबोधित कर इसके भयंकर परिणामों से अवगत कराते हुए परम पूज्य बापू जी कहते हैं-

रोम के राजा क्लाउडियस ब्रह्मचर्य की महिमा से परिचित रहे होंगे, इसलिए उन्होंने अपने सैनिकों को शादी करने के लिए मना किया था, ताकि वे शारीरिक बल और मानसिक दक्षता से युद्ध में विजय प्राप्त कर सकें। सैनिकों को शादी करने के लिए ज़बरदस्ती मना किया गया था, इसलिए संत वेलेन्टाइन जो स्वयं इसाई पादरी होने के कारण ब्रह्मचर्य के विरोधी नहीं हो सकते थे, ने गुप्त ढंग से उनकी शादियाँ कराईं। राजा ने उन्हे दोषी घोषित किया और उन्हें फाँसी दे दी गयी। सन् 496 से पोप गैलेसियस ने उनकी याद में वेलेन्टाइन डे मनाना शुरू किया।

वेलेन्टाइन डे मनाने वाले लोग संत वेलेन्टाइन का ही अपमान करते हैं क्योंकि वे शादी के पहले ही अपने प्रेमास्पद को वेलेन्टाइन कार्ड भेजकर उनसे प्रणय-संबंध स्थापित करने का प्रयास करते हैं। यदि संत वेलेन्टाइन इससे सहमत होते तो वे शादियाँ कराते ही नहीं।

प्रेम दिवस (वेलेन्टाइन डे) जरूर मनायें लेकिन संयम और सच्चा विकास प्रेम दिवस में लाना चाहिए। युवक-युवती मिलेंगे तो विनाश दिवस बनेगा।

कहाँ तो………. परस्परं भावयन्तु……… हम एक दूसरे को उन्नत करें। तन्मे मनः शिवसंकल्पमस्तु…. मेरा मन सदैव शुभ विचार ही किया करे। इस प्रकार की दिव्य भावना को जगाने वाले हमारे रक्षाबंधन, भाईदूज जैसे पर्व और कहाँ यह वासना, अभद्रता को बढ़ावा देने वाला वेलेन्टाइन डे।

यदि इसके परिणामों को देखा जाए तो आगे चलकर यह चिड़चिड़ापन, डिप्रैशन, खोखलापन, जल्दी बुढ़ापा और मौत लाने वाला दिवस साबित होगा। अतः भारतवासी इस अंधपरंपरा से सावधान हों! तुम भारत के लाल और लालियाँ (बेटियाँ) हो। प्रेम दिवस मनाओ, अपने माता-पिता का सम्मान करो और माता-पिता बच्चों को स्नेह करें। करोगे ने बेटे ऐसा! पाश्चात्य लोग विनाश की ओर जा रहे हैं। वे लोग ऐसे दिवस मना कर यौन रोगों का घर बन रहे हैं। अशांति की आग में तप रहे हैं। उनकी नकल तो नहीं करोगे?

मेरे प्यारे युवक-युवतियो और उनके माता-पिता! आप भारतवासी हैं। दूरदृष्टि के धनि ऋषि-मुनियों की संतान हैं। प्रेम दिवस (वेलेन्टाइन डे) के नाम पर बच्चों, युवान युवतियों की कमर टूटे, ऐसे दिवस का त्याग करके तथा प्रभु के नाते एक दूसरे को प्रेम करके अपने दिल के परमेश्वर को छलकने दें। काम विकार नहीं, रामरस… प्रभुरस…. प्रभुरस….

मातृदेवो भव। पितृदेवो भव। बालिकादेवो भव। कन्यादेवो भव। पुत्रदेवो भव।

प्रेम दिवस वास्तव में सबमें छुपे हुए देव को प्रीति करने का दिवस है। देशवासी और विश्ववासी, सबका मंगल हो। भारत के भाई-बहनों! ऐसा आचरण करो, मेरे विश्व के भाई-बहनों का भी मंगल हो। उनका अनुकरण आप क्यों करें? आपका अनुकरण करके वे सदभागी हो जायें।

सभी राष्ट्रभक्त नागरिकों को यह राष्ट्रहित का कार्य करके भावी सुदृढ़ राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देना चाहिए।

कैसे मनायें मात-पितृ पूजन दिवस?

इस दिन बच्चे-बच्चियाँ अपने माता-पिता को प्रणाम करें तथा माता-पिता अपनी संतानों को प्रेम करें। संतान अपने माता पिता के गले लगे। इससे वास्तविक प्रेम का विकास होगा। बेटे-बेटियाँ अपने माता-पिता में ईश्वरीय अंश देखें और माता-पिता बच्चों में ईश्वरीय अंश देखें।

बच्चे-बच्चियाँ अपने माता-पिता का तिलक, पुष्प आदि के द्वारा पूजन करें। माता-पिता भी बच्चों को तिलक करें, आशीर्वचन कहें।

माता-पिता का पूजन करते हैं तो काम राम में बदलेगा, अहंकार प्रेम में बदलेगा, माता-पिता के आशीर्वाद से बच्चों का मंगल होगा।

बालक गणेषजी की पृथ्वी परिक्रमा, भक्त पुण्डलिक की मातृ-पितृ भक्ति, श्रवण कुमार की मातृ-पितृ भक्ति – इन कथाओं का पठन करें अथवा कोई एक व्यक्ति कथा सुनाये और अन्य लोग श्रवण करें।

इस दिन बच्चे बच्चियाँ पवित्र संकल्प करें – मैं अपने माता-पिता व गुरूजनों का आदर करूँगा/करूँगी। मेरे जीवन को महानता के रास्ते ले जाने वाली उनकी आज्ञाओं का पालन करना मेरा कर्त्तवय है और मैं उसे अवश्य पूरा करूँगा/करूँगी।

माता-पिता बाल संस्कार, युवाधन सुरक्षा, तू गुलाब होकर महक,   मधुर व्यवहार – इन पुस्तकों को अपनी क्षमतानुरूप बाँटे बँटवायें तथा प्रतिदिन थोड़ा-थोड़ा स्वयं पढ़ने का तथा बच्चों से पढ़ाने का संकल्प लें। श्री गणेष, पुण्डलिक, श्रवण कुमार आदि मातृ-पितृ भक्त बालकों की कथाओं को नाटक के रूप में प्रस्तुत करें।

(1) मात-पिता गुरू चरणों में प्रभु… (भजन दीपांजली कैसेट से) (2) भूलो सभी को तुम मगर… ऐसे भजनों का गान करें। इस दिन सभी मिलकर श्री आसारामायण पाठ व आरती करके बच्चों को मधुर प्रसाद बाँटें। नीचे लिखी पंक्तियाँ जैसी मातृ-पितृ भक्ति की कुछ पंक्तियाँ गत्ते पर लिख कर बोर्ड बना कर आयोजन स्थल पर लगायें। 1. बहुत रात तक पैर दबाते, भरे कंठ पित आशिष पाते। 2. पुत्र तुम्हारा जगत में, सदा रहेगा नाम। लोगों के तुमसे सदा, पूरण होंगे काम। 3. मातृदेवो भव। पितृदेवो भव। आचार्यदेवो भव।

विश्वमंगल की कामना से भरे परम पूज्य बापू जी का परम हितकारी संदेश पढ़ें पढ़ायें। वेलेन्टाइन डे नहीं मातृ-पितृ पूजन दिवस मनायें।

मातृ-पितृ-गुरू भक्ति

अपनी भारतीय संस्कृति बालकों को छोटी उम्र में ही बड़ी ऊँचाईयों पर ले जाना चाहती है। इसमें सरल छोटे-छोटे सूत्रों द्वारा ऊँचा, कल्याणकारी ज्ञान बच्चों के हृदय में बैठाने की सुन्दर व्यवस्था है।

मातृदेवो भव। पितृदेवो भव। आचार्यदेवो भव। माता-पिता एवं गुरू हमारे हितैषी है, अतः हम उनका आदर तो करें ही, साथ ही साथ उनमें भगवान के दर्शन कर उन्हें प्रणाम करें, उनका पूजन करें। आज्ञापालन के लिए आदरभाव पर्याप्त है परन्तु उसमें प्रेम की मिठास लाने के लिए पूज्यभाव आवश्यक है। पूज्यभाव से आज्ञापालन बंधनरूप न बनकर पूजारूप पवित्र, रसमय एवं सहज कर्म हो जाएगा।

पानी को ऊपर चढ़ाना हो तो बल लगाना पड़ता है। लिफ्ट से कुछ ऊपर ले जाना हो तो ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है। पानी को भाप बनकर ऊपर उठना हो तो ताप सहना पड़ता है। गुल्ली को ऊपर उठने के लिए डंडा सहना पड़ता है। परन्तु प्यारे विद्यार्थियो! कैसी अनोखी है अपनी भारतीय सनातन संस्कृति कि जिसके ऋषियों महापुरूषों ने इस सूत्र द्वारा जीवन उन्नति को एक सहज, आनंददायक खेल बना दिया।

इस सूत्र को जिन्होंने भी अपना बना लिया वे खुद आदरणीय बन गये, पूजनीय बन गये। भगवान श्रीरामजी ने माता-पिता व गुरू को देव मानकर उनके आदर पूजन की ऐसी मर्यादा स्थापित की कि आज भी मर्यादापुरूषोत्तम श्रीरामजी की जय कह कर उनकी यशोगाथा गाय़ी जाती है। भगवान श्री कृष्ण ने नंदनंदन, यशोदानंदन बनकर नंद-घर में आनंद की वर्षा की, उनकी प्रसन्नता प्राप्त की तथा गुरू सांदीपनी के आश्रम में रहकर उनकी खूब प्रेम एवं निष्ठापूर्वक सेवा की। उन्होंने युधिष्ठिर महाराज के राजसूय यज्ञ में उपस्थित गुरूजनों, संत-महापुरूषों एवं ब्राह्मणों के चरण पखारने की सेवा भी अपने जिम्मे ली थी। उनकी ऐसी कर्म-कुशलता ने उन्हें कर्मयोगी भगवान श्री कृष्ण के रूप में जन-जन के दिलों में पूजनीय स्थान दिला दिया। मातृ-पितृ एवं गुरू भक्ति की पावन माला में भगवान गणेष जी, पितामह भीष्म, श्रवणकुमार, पुण्डलिक, आरूणि, उपमन्यु, तोटकाचार्य आदि कई सुरभित पुष्प हैं।

तोटक नाम का आद्य शंकराचार्य जी का शिष्य, जिसे अन्य शिष्य अज्ञानी, मूर्ख कहते थे, उसने आचार्यदेवो भव सूत्र को दृढ़ता से पकड़ लिया। परिणाम सभी जानते हैं कि सदगुरू की कृपा से उसे बिना पढ़े ही सभी शास्त्रों का ज्ञान हो गया और वे तोटकाचार्य के रूप में विख्यात व सम्मानित हुआ। वर्तमान युग का एक बालक बचपन में देर रात तक अपने पिताश्री के चरण दबाता था। उसके पिता जी उसे बार-बार कहते – बेटा! अब सो जाओ। बहुत रात हो गयी है। फिर भी वह प्रेम पूर्वक आग्रह करते हुए सेवा में लगा रहता था। उसके पूज्य पिता अपने पुत्र की अथक सेवा से प्रसन्न होकर उसे आशीर्वाद देते –

पुत्र तुम्हारा जगत में, सदा रहेगा नाम। लोगों के तुमसे सदा, पूरण होंगे काम।

अपनी माताश्री की भी उसने उनके जीवन के आखिरी क्षण तक खूब सेवा की।

य़ुवावस्था प्राप्त होने पर उस बालक भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण की भांति गुरू के श्रीचरणों में खूब आदर प्रेम रखते हुए सेवा तपोमय जीवन बिताया। गुरूद्वार पर सहे वे कसौटी-दुःख उसके लिए आखिर परम सुख के दाता साबित हुए। आज वही बालक महान संत के रूप में विश्ववंदनीय होकर करोड़ों-करोड़ों लोगों के द्वारा पूजित हो रहा है। ये महापुरूष अपने सत्संग में यदा-कदा अपने गुरूद्वार के जीवन प्रसंगों का जिक्र करके कबीरजी का यह दोहा दोहराते हैं –

गुरू के सम्मुख जाये के सहे कसौटी दुःख। कह कबीर ता दुःख पर कोटि वारूँ सुख।।

सदगुरू जैसा परम हितैषी संसार में दूसरा कोई नहीं है। आचार्यदेवो भव, यह शास्त्र-वचन मात्र वचन नहीं है। यह सभी महापुरूषों का अपना अनुभव है।

मातृदेवो भव। पितृदेवो भव। आचार्यदेवो भव। यह सूत्र इन महापुरूष के जीवन में मूर्तिमान बनकर प्रकाशित हो रहा है और इसी की फलसिद्धि है कि इनकी पूजनीया माताश्री व सदगुरूदेव – दोनों ने अंतिम क्षणों में अपना शीश अपने प्रिय पुत्र व शिष्य की गोद में रखना पसंद किया। खोजो तो उस बालक का नाम जिसने मातृ-पितृ-गुरू भक्ति की ऐसी पावन मिसाल कायम की।

आज के बालकों को इन उदाहरणों से मातृ-पितृ-गुरूभक्ति की शिक्षा लेकर माता-पिता एवं गुरू की प्रसन्नता प्राप्त करते हुए अपने जीवन को उन्नति के रास्ते ले जाना चाहिए।

माँ-बाप को भूलना नहीं

भूलो सभी को मगर, माँ-बाप को भूलना नहीं।

उपकार अगणित हैं उनके, इस बात को भूलना नहीं।।

पत्थर पूजे कई तुम्हारे, जन्म के खातिर अरे।

पत्थर बन माँ-बाप का, दिल कभी कुचलना नहीं।।

मुख का निवाला दे अरे, जिनने तुम्हें बड़ा किया।

अमृत पिलाया तुमको जहर, उनको उगलना नहीं।।

कितने लड़ाए लाड़ सब, अरमान भी पूरे किये।

पूरे करो अरमान उनके, बात यह भूलना नहीं।।

लाखों कमाते हो भले, माँ-बाप से ज्यादा नहीं।

सेवा बिना सब राख है, मद में कभी फूलना नहीं।।

सन्तान से सेवा चाहो, सन्तान बन सेवा करो।

जैसी करनी वैसी भरनी, न्याय यह भूलना नहीं।।

सोकर स्वयं गीले में, सुलाया तुम्हें सूखी जगह।

माँ की अमीमय आँखों को, भूलकर कभी भिगोना नहीं।।

जिसने बिछाये फूल थे, हर दम तुम्हारी राहों में।

उस राहबर के राह के, कंटक कभी बनना नहीं।।

धन तो मिल जायेगा मगर, माँ-बाप क्या मिल पायेंगे?

पल पल पावन उन चरण की, चाह कभी भूलना नहीं।।

Geeta Sam Nahin Grantha (गीता सम नहीं ग्रंथ )- Pujya Asharamji Bapu

Hami se hai jamana 24
Listen Audio : Geeta Sam Nahin Grantha (गीता सम नहीं ग्रंथ )
Geeta Sam Nahin Grantha (गीता सम नहीं ग्रंथ )- Pujya Asharamji Bapu

Lilashah Bapu Ji Se Prarthna – Sureshanandji

Hami se hai jamana 04 hindi
[youtube http://www.youtube.com/watch?v=HE-h87IVQtg]
Lilashah Bapu Ji Se Prarthna – Sureshanandji

Kaliyug me shishya ki pariksha – Shri Sureshanandji

Hami se hai jamana 31
[youtube http://www.youtube.com/watch?v=BquM9x1HSQk]
Kaliyug me shishya ki pariksha – Shri Sureshanandji

मनुष्य स्वयं ही अपने आप का शत्रु है और स्वयं ही अपने आप का मित्र भी है – पूज्य आसाराम बापूजी

Hami se hai jamana 94
[youtube http://www.youtube.com/watch?v=uyb_cShowJI]
मनुष्य स्वयं ही अपने आप का शत्रु है और स्वयं ही अपने आप का मित्र भी है – पूज्य आसाराम बापूजी

Technique to become Healthy : Tribandh Pranayam- Sant Asharamji Bapu

bapu
[youtube https://www.youtube.com/watch?v=z4X0C14ohB8]
Technique to become Healthy : Tribandh Pranayam- Sant Asharamji Bapu

Indian Classical Music & it`s effect on health – Sant Asaramji Bapu

sarangi
Indian Classical Music & it`s effect on health – Part I 
Indian Classical Music & it`s effect on health – Part II
Indian Classical Music & it`s effect on health – Part III

Sharir se mamta hati to ise khilana pilana daan punya ho jayega- P.P.Sant Shri Asharamji Bapu

hari
[youtube https://www.youtube.com/watch?v=7xgBmn9TkL0]
Sharir se mamta hati to ise khilana pilana daan punya ho jayega- P.P.Sant Shri Asharamji Bapu

१०८ कुण्डी महायज्ञ व १००८ आशारामायण पाठ २ फरवरी को अहमदाबाद आश्रम में

adi 01
 पूज्य बापूजी और पूज्य साँईं के शीघ्र रिहाई हेतु २ फरवरी को मोटेरा (अहमदाबाद) आश्रम में १०८ कुण्डी गणेश महायज्ञ और १००८ श्री आशारामायण पाठ का आयोजन  
Download Audio : 

Bhajan- Ek tumhi adhar sataguru – Shri Sureshanandji

Hami se hai jamana 22
[youtube http://www.youtube.com/watch?v=tEKIX5-IBsE]
Bhajan- Ek tumhi adhar sataguru – Shri Sureshanandji

Gajanan Maharaj ki adbhut samata aur divya lila prasang-Shegaon – Pujya Bapuji

bapuji12
[youtube http://www.youtube.com/watch?v=NAkJfcY8YX0]
Gajanan Maharaj ki adbhut samata aur divya lila prasang-Shegaon – Pujya Bapuji

Khali Samajh Le aur Sadacharan Kar len (Tatvic Satsang) – Sant Shri Asaram ji Bapu

bapuji4
[youtube http://www.youtube.com/watch?v=ax1h4lWDK9c]
Khali Samajh Le aur Sadacharan Kar len  (Tatvic Satsang) – Sant Shri Asaram ji Bapu
खाली समझ लें और सदाचरण कर लें …
भगवान कहीं बैठ कर दुनिया बनाता है ..ये वहम निकाल दो …..
जो भगवान नहीं हैं , वो हाथ खड़ा करो …..ऐसा नहीं मानना है कि कोई दो हाथ पैर वाला , चार हाथ पैर वाला कहीं बैठ कर दुनिया बनाता है ….
भगवान अगर हमसे अलग हैं तो व्यापक नहीं है …हम भगवान से अलग है तो हम जड़ हैं …जड़ होते तो बोलते कैसे ? …
उस भगवान को पाने का , उसके स्वरुप को जानने का बस एक बार लगन लग जाए …ये आत्मज्ञान की विद्या ऐसी दिव्य विद्या है कि इसमें शरीर को सताना नहीं है , किसी देव को बुलाना नहीं है …कुछ नया बनाना नहीं है …..केवल जो जैसा है वैसा समझ कर ….. परम तृप्ति … परम प्राप्ति …

Param Pad ( परम पद ) – Tatvic Satsang – Pujya Bapuji

guru6
[youtube http://www.youtube.com/watch?v=m9N1cEiJ_00]
Param Pad ( परम पद ) – Tatvic Satsang – Pujya Bapuji
साबरमती के तट पर , पूज्य श्री की तपःस्थली मोटेरा आश्रम के शांत वातावरण में , पूज्य बापूजी के सानिध्य में उत्तरायण ध्यान योग शिविर चल रही है ….लाखों के संख्या में साधक संध्या काल में पूज्य श्री की अनुभव संपन्न वाणी का रस पान कर रहे हैं ….मानो कलियुग में पूज्य बापू विश्व को सतयुग के दर्शन करा रहे हैं …..पूज्य श्री की अनुभव संपन्न वाणी का लाभ लें और औरों तक पहुचाने के सेवा करें ….

परम पूज्य संत श्री आशाराम जी बापू की अमृतवाणी सत्संग के मुख्य अंश :
* पर्त्रदंत तपस्या करके इंद्र देव को प्रकट कर दिया | वरदान में श्रेष्ठतम माँगा |
* श्रेष्ठतम पद वो है जिसे जानकर कुछ शेष नही रह जाता है |
* ब्रह्मज्ञान वो है जहाँ से ऊँचा कुछ नही और नीचे कुछ नही | यहाँ जीवतत्व का मूल जो है उसको ही जानना सर्वोपरी है |
* जहाँ से सूर्य, चन्द्र को प्रकाश मिलता है उसी में ठहरना वही परमपद है | जहाँ भगवान ब्रह्मा, विष्णु, महेश विश्रांति करते हैं |
* जहाँ दुःख की पहुँच नही और सुख लालायित नही करता है वो परमपद है |
* संसार में सभी परिस्थितयाँ होते हुए भी आपको किसी परिस्थिति का असर ना हो, वो है ब्रह्मज्ञान |
* उस आत्मदेव को जानने से सभी पातको से मुक्त हो जाता है, सदा संतुष्ट रहता है | वो भगवान को प्यारा होता है | विगत-विकार हों तो टिकेगा नही |
* ब्रह्मज्ञानी की मत कौन बखाने | साधू उसे कहते हैं जिसने ये परमपद पा लिया |
* जो दीखता है वो अनित्य है | लेकिन जिससे दीखता है वो अदृश्य आत्मा है | वो अनंत है, अच्युत है | 
* ४ प्रकार के प्रलय के बावजूद भी वो रहता है | आत्मदेव कभी नष्ट नही होता और वही असलियत में हम हैं |
* सत्य किसे कहते हैं ? जो आदि में था, अभी है, आगे भी रहेगा |

Vaishya Ki Putri Kanupatra ki Bhagwad Bhakti- Pujya Bapuji

bapu2
[youtube http://www.youtube.com/watch?v=jMDiyOqVr2s]
Vaishya Ki Putri Kanupatra ki Bhagwad Bhakti- Pujya Bapuji
Shayama naam ki vaishya kaami logo ko apna sharir bech kar gujara karti thi.. uskibeti kanupatra jitni bahar se sundar thi utni hi andar se bhi sundar thi…usne apni maa se vaishya ka dhanda karne se mana kar diya.. to maa ne use kisi sabhya vyukti se shadi karke ghar basane ki salaah di.. lekin kanupatra patni ke haad mans ko noch kar sukhi  hokar apne or patni ke swasthaya ka satya naash karne wala pati nahi chahti thi.. Jo patni ko bhi bhagwan ke raste chalne me madad kare or  khud bhi bhagwan me man lagaye aisa pati chahti thi.. lekin aisa pati to ya to bhagwan ko paya hua mahapurush ho sakta hai ya bhagwan swayam honge.. ab brahmgyani kaha dhoodu.. to brahm swaroop bhagwan vitthal ke paas jane lagi.. or bhagwan ko 1 tak dekhti.. ektak dekhne se sankalp vikalp kam hote hai to mansik shaktiya viksit hone lagi..dhyan moolam guru murti se chithda pahan ne wala eklavya itna uncha gaya ki arjun jinko satat bhagwan ka sang the we bhi uske age bone ho gaye.. bhagwan or guru jab apne lagne lagte hai to unme prema bhakti jaagti hai.. or prema bhakti dosho ko har leti hai.. uska sondarya or shraddha bhakti dekh kar sab uski sarahna karne lage or wahi uske liye musibat ban gaya..

Yuvtiyo ke liye 2 musibat hai 1 to unka saundrya or dusra unka yowan teen cheeze badi khatarnaak hai or badi hitkari hai youvan ,swasthya or dhan.. ye teno agar sukh bogne me lagte hai to tabah kar dete hai.. aj kal ke yuvaan bahar ke saundrya ko mahatva dekar andar ke saundarya ko nazar andaaz kar dete hai.. naak me kya bhara hai mans hai rakh hai kuch addiya hai sharir meky hai kuch adi haddi kuch khadi haddi 
1 civil surgeon ke agrah se hum ceserion dekhne gaye the waha ka drishya dekh kar hi mujhe low BP ho gaya itna khatarnaak drishya tha.. ye sharir jo bahar se sundar dikhta hai andar thoda sa dekho to tauba hai..

Kanupatra is sharir ki pol jaankar bhagwan ki bhakt ban gayi thi.. vdarbh ke badshah ne uski sundarta ki sarahna sunkar raja ne mantri adi ko use lane bhej diya.. stri me nazar parakhne ka sadgun hota hai jaha bhi thodi nazar idhar udhar hui to wo smajh jati hai ye behan ke bhaav se baat kar raha hai ya kisi galat bhaav se wo turant savdhaan ho jayegi..jab mantri ne use chalne k agrah kiya to wo samajh gayi.. us samay womandir ke paas thi.. usne kaha me jaantu hu agar me nahi jaungi to aap mujhe bal poorvak le jaogelekin pahle mujhe jara mandir ke darshan kar lene dijiye.. 

Darshan karte karte prarthana karte karte wo aisi antaran ho gayi.. kipandurang me tumhri sharan hu.. ab tumhari sharan ayi hu or me dukhiyari hu.. sansaar ki sharan jaungi to mera dukh nahi mitega lekin tumhari sharan jaungi to mera dukh nahi tikega ye mujhe poora vishwas hai..sant vachan pramaa hai.. o bhagwan ki sharan jate hai uska dukh tikta nahi or jo sansaar ki sharan jate hai unka dukh mit ta nahi.. me terisharan ayi hu mere pandurang ab is kaam vikaar ke putle jaise sharir se mujhe kya lena? Mai tumko var chuki hu.. ab tumhari sati ko koi kami kaise le ja sakta hai.. sansaar ka pati mitra pita pati 1 sath nahi ho sakta lekin tum mere pati bhi ho pitabhi ho putra bhi ho bandhu bhi ho or guru bhi.. jo bhi sambandh mano lekin mujhe apne charno me le lo..ektak dekhte dekhte dekhte kanupatra wahi dhal gayi.. uski jeev rupi kyoti param vyapak pandurang tatva me mil gayi.. ghada foota to akash kaha gaya mahakash me mil gaya.. uske sharir ki antyesthi kar ke uski haddiya mandir ke dakshin bhaag me gaad di gayi.. jis se duniya ko pata chale ki jab dukh aaye to dukh hari hari ki sharan jao.. chahe sharir mito chahe dukh mito.. par tumhara dukh nahi tikega.. kanupatra ka to sharir na rahne ke baad sharir nahi tika lekin aisa jaruri nahi hai ki sab ka kanuptra jaisa sharir choot jaye usne sankalp kiya tha.. ki is kami purusho ke akarshan ka kendr tum le lo or mujhe apne me mila do.. jaisi apne sankalp ki dhara drad hoti hai bhagwan aisa kar dete hai.. pandurang ki moorti ke age aaj bhi kanupatra ki moorti khadi hai bhagwan ke darshan to bhakt karte hai lekin jo vaishya ka dhandha kar rahi hai uski putri ke bhi darshan log karte hai.. 

Raja Bharthari ne Gorakh Nath ji ki saari pariskshao me safal hokar sakshatkaar kar liya- Pujya Bapuji

bapu1
[youtube http://www.youtube.com/watch?v=iSVJi1Nuoik]
Raja Bharthari ne Gorakh Nath ji ki saari pariskshao me safal hokar sakshatkaar kar liya- Pujya Bapuji

Patni ki mrityu ke baad Raja Bharat Hari Gorakh nath ji ki sharan ho gaye- Pujya Bapuji

guru
[youtube http://www.youtube.com/watch?v=dodYUiag8Tw]
Patni ki mrityu ke baad Raja Bharat Hari Gorakh nath ji ki sharan ho gaye- Pujya Bapuji

साधक उपवास और जेलभरो आंदोलन ना करे – पूज्य बापूजी

Hami se hai jamana 98

[youtube http://www.youtube.com/watch?v=Xdbm0FCjaTw]
साधक उपवास और जेलभरो आंदोलन ना करे – पूज्य बापूजी

 

Gurudev Daya Kar Do Mujh Per ( Meditation guided by Pujya Asaram Bapuji)

Hami se hai jamana 08
[youtube https://www.youtube.com/watch?v=4H42JMDFl34]
Gurudev Daya Kar Do Mujh Per ( Meditation guided by Pujya Asaram Bapuji)

Guruji Tum Chandan Hum Pani (Dhyan) – Sureshanandji

Hami se hai jamana 26
[youtube https://www.youtube.com/watch?v=L-WgkzttNZE]
Guruji Tum Chandan Hum Pani (Dhyan) – Sureshanandji

Parents Worship Day is for all religions and countries – Pujya Asaram Bapu ji

 
Hami se hai jamana 16
[youtube https://www.youtube.com/watch?v=srDkzWc4hhE]
Parents Worship Day is for all religions and countries – Pujya Asaram Bapu ji
ब्रह्म ऋषि श्री कुमार स्वामीजी कहते हैं की हमारा सौभाग्य है की हम आपके पास बैठ पाए | सूर्य ने मोमबत्ती को अपने पास बैठने की अनुमति दी | 

पूज्य बापूजी ने श्री कुमार स्वामीजी की सरलता को निवेदन करते हुए कहा -ये तो आपकी सरलता है; राजा की फ़ौज साधो की मौज !!

पूज्य बापूजी कहते हैं कोई नही चाहता चाहे वो हिंदू, मुसलमान, यहूदी, ईसाई कोई भी हो, नही चाहेगा की उनके बच्चे गलत रस्ते पर चले | 

बापूजी कहते हैं कोई नही चाहता चाहे वो हिंदू, मुसलमान, यहूदी, ईसाई कोई भी हो, नही चाहेगा की उनके बच्चे गलत रस्ते पर चले | छत्तीसगढ़ सरकार ने कहा और करके दिखाया वेलेंटाइन डे के बदले मातृ-पितृ पूजन दिवस के रूप में मनाया जाये |

Parents Worship Day is the way of upliftment of society – Brahmarishi Kumar Swamiji on Prerna Sabha

bapuji5
[youtube https://www.youtube.com/watch?v=3Nscep8Ge5k]
Parents Worship Day is the way of upliftment of society – Brahmarishi Kumar Swamiji on Prerna Sabha
ब्रह्म ऋषि कुमार स्वामीजी की स्नेहमयी वाणी –
परम ऋषियों के ऋषि ज्ञाताओं के ज्ञाता तत्वदर्शी और जगत के कण-कण के रहस्यों के जानने वाले ओज देने वाले प्रज्ञा देने वाले हमारे महा तत्वेता परमपिता स्वरुप, नारायण स्वरुप साक्षात् नारायण सद्गुरु श्री आसाराम जी के चरणों में कोटि-कोटि नमन, कोटि-कोटि वंदन, कोटि-कोटि प्रणाम !!!

इन्होने केवल पल भर विचारा कि ऐसा हो पलभर सोचने मात्र से वो संत जो कहीं जाते ही नहीं है अपने आश्रमों से निकलते ही नही है; बड़े गर्व से भरे रहते हैं, बड़े प्रेम से भरे रहते हैं, बड़े मान मर्यादा के बिना जो आते ही नहीं हैं, आना संभव ही नही है एक पल में इनका सन्देश मिला तो कैसे बाढ़ की तरह एक दिन में इनके पास आ गए | ये निश्चय ही इनकी अपनी शक्ति है |
आप श्री ने आगे कहा – रावण यदि रामजी के खिलाफ नही जाता तो उन्हें कोई मार भी नही सकता था |
ऐसे ही बापूजी के हम सभी संत आशारामजी के साथ रहेंगे चाहे हमे जान भी क्यों ना देनी पड़े |
आज हम सरकार से प्रार्थना कर रहे हैं यदि बापूजी चाहे तो सरकार इनकी होगी |
जो इन संतो की बात नही मानेगा वो कहीं का नही रहेगा |
जिसने अपना जीवन तप में लगाया क्या वो समाज को लूटने की सोच भी सकते हैं ? यदि बापूजी आदेश दें तो एक दिन में हम सरकार बदल दें |

Dhayn Kya Hai Aur Kaise Karein – P.P.Sant Shri Asharamji Bapu

Hami se hai jamana 35 f nn
[youtube https://www.youtube.com/watch?v=ffQeweWf2Xo]
Dhayn Kya Hai Aur Kaise Karein – P.P.Sant Shri Asharamji Bapu

4 MahaPaap (jinse bachna chahiye) — P.P.Sant Shri Asharamji Bapu

Hami se hai jamana 33
[youtube https://www.youtube.com/watch?v=IL_pyxlR5cI]
4 MahaPaap (jinse bachna chahiye) — P.P.Sant Shri Asharamji Bapu

Omkar Sadhna Master Key – P.P.Sant Shri Asharamji Bapu

bapuji3
[youtube https://www.youtube.com/watch?v=7Gfi8d5ki0Q]
Omkar Sadhna Master Key – P.P.Sant Shri Asharamji Bapu

Meditation with Omkar Chanting ( ॐकार जप संयुक्त ध्यान ) -Sant Shri Asharamji Bapu

bapuj1
[youtube https://www.youtube.com/watch?v=V5uS1KJf_q8]
Meditation with Omkar Chanting ( ॐकार जप संयुक्त ध्यान ) -Sant Shri Asharamji Bapu

Bhagwat Dhyan Bahut Avashyak Hai – Sant Asaramji Bapu

bapuj1
[youtube https://www.youtube.com/watch?v=XZ9IZkJiUXc]
Bhagwat Dhyan Bahut Avashyak Hai – Sant Asaramji Bapu
Hari OOooommMM…. Bhagwat satta main shant hona bahut uchi bat hai…. bhagwat satta main shant hue bina upaye bhi nahi hai…. kuki bhagwat satta aur shant rehne main samarthya aata hai, indriyo ki chapalta mitati hai, budhi ko samayatwa main prawesh milta hai… gyan kitna bhi sun liya hai lakin wasna aayegi to baha ke le jayegi… isme jaisi wasna ghasiti hai uske vipreet bhao karein aur shant ho…. agyan ko gyan se mitaya jata hai yehi sachot sahi upaye hai….vadik sanskriti athwa jinhone bhi paya hai issi marg se paya hai…. dhyan se hi wasnao ka shay hoga mano nash hoga, dharam main adikta hogi… kul milaker kermi se, tapaswi se, vidwano se bhi permatma main shant hona do minute uchi baat hai….

Adhyatmic Aura Ka Prasad {Dhyan } – Sant Asaramji Bapu

bapu
[youtube https://www.youtube.com/watch?v=LjPMOA85SO0]
Adhyatmic Aura Ka Prasad {Dhyan } – Sant Asaramji Bapu

Mantra Siddhi Yog Special Omkar Jap – Sant Asharamji Bapu

Mantra
[youtube https://www.youtube.com/watch?v=RmvSzMOVu6g]
Mantra Siddhi Yog Special Omkar Jap – Sant Asharamji Bapu
सोमवती अमावस्या , मंगलवार चतुर्थी , बुधवार अष्टमी , और रविवार सप्तमी को किये गए जप , तप , मौन , ध्यान आदि का प्रभाव अक्षय होता है |

Om Namo Bhagwate Vasudevaya {Dhyan} – Asaramji Bapu

bapuji12
[youtube https://www.youtube.com/watch?v=4irBf41VFe4]
Om Namo Bhagwate Vasudevaya {Dhyan} – Asaramji Bapu

संत श्री आसारामजी आश्रम- मोटेरा में स्थापना दिवस पर १००८ श्री आसारामायण पाठ….

Hami se hai jamana 34
संत श्री आसारामजी आश्रम- मोटेरा में स्थापना दिवस पर १००८ श्री आसारामायण पाठ….   
ashram sthapna divas 2

मोटेरा (अहमदाबाद) आश्रम स्थापना दिवस – ३० जनवरी

mera-gurudwar
मोटेरा (अहमदाबाद) आश्रम स्थापना दिवस – ३० जनवरी  
ashram sthapna divas 1
 

Ahmedabad Ashram Establish Day -30th January

mera-gurudwar
Ahmedabad Ashram Establish Day -30th January
Sant Shri Asharamji Ashram, Ahmedabad, Gujarat
“Great Souls have a sympathetic heart as magnanimous and forgiving as that of a Mother giving shelter and love to all regardless of race, religion, or financial stature.”
The sacred land of India is the mother of the world’s oldest and most profound philosophy – Vedanta. She has given birth to innumerable great souls like Swami Vivekananda who have had a deep and lasting impact on all of humanity. In this era, Mother India has yet again given the world a Divine Soul bearing unconditional love and liberating Self Knowledge to lead the masses on the path to ultimate peace! Pujya Sant Shri Asharamji Bapu is that ideal role model of wisdom, compassion, razor sharp intellect and wit. The following passage tries to introduce Sant Shri Asharamji Bapu (endearingly called ‘Bapu’) and the associated Ashrams; as well as Shri Yoga Vedanta Seva Samiti, an organization founded by Pujya Bapuji.
 

मासिक शिवरात्रि {Masik Shivratri}

sureshanandji
[youtube http://www.youtube.com/watch?v=PmOe4fKQyWg]
मासिक शिवरात्रि {Masik Shivratri}
वर्ष में एक महाशिवरात्रि आती है और हर महीने में एक मासिक शिवरात्रि आती है। यही मासिक शिवरात्रि यदि मंगलवार के दिन पड़े तो उसे भौम प्रदोष व्रत कहते हैं। मंगलदेव ऋणहर्ता देव हैं। उस दिन संध्या के समय यदि भगवान भोलेनाथ का पूजन करें तो भोलेनाथ की, गुरु की कृपा से हम जल्दी ही कर्ज से मुक्त हो सकते हैं। इस दैवी सहायता के साथ थोड़ा स्वयं भी पुरुषार्थ करें। पूजा करते समय यह मंत्र बोलें –
मृत्युंजयमहादेव त्राहिमां शरणागतम्।

 जन्ममृत्युजराव्याधिपीड़ितः कर्मबन्धनः।।

मासिक शिवरात्रि को शिवजी के १७ मंत्र – 
हर मासिक शिवरात्रि को सूर्यास्‍त के समय अपने घर में बैठकर अपने गुरुदेव का स्मरण करके शिवजी का स्मरण करते करते ये 17 मंत्र बोलें । ‘जो शिव है वो गुरु है, जो गुरु है वो शिव है’ इसलिये गुरुदेव का स्मरण करते है । जिसकी गुरुदेव में दृढ़ भक्ति है वो गुरुदेव का स्मरण करते-करते मंत्र बोले | आस-पास शिवजी का मंदिर तो जिनके सिर पर कर्जा ज्यादा हो वो शिवमंदिर जाकर दिया जलाकर ये १७ मंत्र बोले – 
१) ॐ शिवाय नम:
२) ॐ सर्वात्मने नम:
३) ॐ त्रिनेत्राय नम:
४) ॐ हराय नम:
५) ॐ इन्द्र्मुखाय नम:
६) ॐ श्रीकंठाय नम:
७) ॐ सद्योजाताय नम:
८) ॐ वामदेवाय नम:
९) ॐ अघोरह्र्द्याय नम:
१०) ॐ तत्पुरुषाय नम:
११) ॐ ईशानाय नम:
१२) ॐ अनंतधर्माय नम:
१३) ॐ ज्ञानभूताय नम:
१४) ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नम:
१५) ॐ प्रधानाय नम:
१६) ॐ व्योमात्मने नम:
१७) ॐ युक्तकेशात्मरूपाय नम: 
उक्‍त मंत्र बोलकर अपने इष्ट को, गुरु को प्रणाम करके यह शिव गायत्री मंत्र बोलें–
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे | महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात् || 
जिनके सिर पर कर्जा है वो शिवजी को प्रणाम करते हुये ये १७ मंत्र बोले कि मेरे सिर से ये भार उतर जाये | मैं निर्भार जीवन जी सकूं, भक्ति में आगे बढ़ सकूं| केवल समस्या को याद न करता रहूँ | 
 

Guru Meri Puja

bag.jpg
Guru Meri Puja Part – I
[youtube https://www.youtube.com/watch?v=Bz791qkeKHQ]
Guru Meri Puja Part – II
[youtube https://www.youtube.com/watch?v=TK-Ms3eIJIs]
 

Shishya Kaisa Hona Chahiye ( शिष्य कैसा होना चाहिए )

Mantra
[youtube https://www.youtube.com/watch?v=4xEJvYg9bdc]
Shishya Kaisa Hona Chahiye ( शिष्य कैसा होना चाहिए )

Guru Mantra Mahatmya ( गुरु मंत्र महात्म्य ) – Pujya Bapuji

 
Mantra
Guru Mantra Mahatmya ( गुरु मंत्र महात्म्य ) – Pujya Bapuji

Swami Leela Shah ji ki Amrit Vani ( Rare Old Tatvik Satsang -Sindhi)

Lilasahaji
[youtube https://www.youtube.com/watch?v=F2zC623meGs]
Swami Leela Shah ji ki Amrit Vani ( Rare Old Tatvik Satsang -Sindhi)

Mantra Diksha Se Adhyatmic Aura Ka Vikas – Sant Asharamji Bapu

bapuji12
[youtube https://www.youtube.com/watch?v=LjT44yvxSy8]
Mantra Diksha Se Adhyatmic Aura Ka Vikas – Sant Asharamji Bapu

Hari Om Dhyan Sankirtan ( Meditation with chanting Hari Om) – Sant Shri Asaramji Bapu

shiva
Hari Om Dhyan Sankirtan – I
Hari Om Dhyan Sankirtan – II
Hari Om Dhyan Sankirtan – III
Hari Om Dhyan Sankirtan ( Meditation with chanting Hari Om) – Sant Shri Asaramji Bapu

Naina vich basawan jogi band kara darwaje-Jogi re kya jadu hai tere pyar me – Pujya Bapuji

naina
[youtube https://www.youtube.com/watch?v=Fj4MPpYJ_sM]
Naina vich basawan jogi band kara darwaje-Jogi re kya jadu hai tere pyar me – Pujya Bapu ji

Madhur Kirtan ( Sarangi Dhun ) – Sant Shri Asharamji Bapu

sarangi
[youtube https://www.youtube.com/watch?v=h5r9v_3RfHQ]
Madhur Kirtan ( Sarangi Dhun ) –  Sant Shri Asharamji Bapu

Divya Darshan Leela with Jogi Re Bhajan – Sant Asharamji Bapu

jogi
Divya Darshan Leela with Jogi Re Bhajan – Sant Asharamji Bapu